हसरते कुछ और है
वक्त की इल्तजा कुछ और है
कौन जी सका है जिंदगी अपने मुताबिक
तो लक्ष्य दिखने बंद हो जाएंगे
इसी लीये लक्ष पर ध्यान लगाओ
ये तभी मुस्कूराएगी जाब हम मूस्कुराएंगे
आंखे बंद करने से
मुसीबत नही टलती और
मुसीबत आये बिना
आंखे नही खुलती
हंस कर जिना
दस्तूर है जिंदगी का
एक यही किस्सा, मशहूर है जिंदगी का
बीते हुए पल, कभी लौटकर नही आते
यही सबसे बडा कसूर है जिंदगी का
कौन जाने कया पाप? कया पुण्य?
बस कैसी का दिल न दुखे
अपने स्वार्थ के लिए
बाकी सब कुदरत पर छोड दो
ना पैसा बडा, ना पद बडा
मुसीबत मे जो साथ खडा
वो ही सबसे बडा
भीड काफी हुआ करती थी
महफिल मे मेरी
फिर मे "सच"बोलता गया और
दोस्ती नगमा है सुनाने के लिए
ये वो जज्बा है जो सबको नही मिलता
जिंदगी मे टेंशन किसको कम है
अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है
जिंदगी का नाम ही कभी खुशी कभी गम है
कोणी तुमचा सन्मान करो अथवा ना करो
तुम्ही तुमचे कर्तव्य करीत चांगले काम करत रहा
नेहमी लक्षात ठेवा
करोडो लोक झोपेत असतात म्हणून
सूर्य आपला विचार कधीही बदलत नाही
सूर्योदय हा होतोच
Dil Shayari
आप पहलू में जो बैठें तो सँभल कर बैठें
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की
दिल को तिरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता
हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका
मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया
दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे
उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया
देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया
दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ
रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ
ग़म वो मय-ख़ाना कमी जिस में नहीं
दिल वो पैमाना है भरता ही नहीं
सीने में इक खटक सी है और बस
हम नहीं जानते कि क्या है दिल
दिल दिया जिस ने किसी को वो हुआ साहिब-ए-दिल
हाथ आ जाती है खो देने से दौलत दिल की
खुद के बारे में न किसी पीर से, न किसी फकीर से पूछो।
बस कुछ देर आँख बंद कर अपने जमीर से पूछो..!!
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